जीवन खत्म हुआ तो जीने का ढंग आया जब शम्मा बुझ गई तो महफिल में रंग...
जय सिया राम जय जय सिया राम। बिन सत्संग बिबेक न होइ। राम कृपा बिनु सुलभ...
विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय। कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्रय दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ॥ गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय...
भर पिचकारी मारी रासबिहारी मेरा तन मन तुझ पर वारी कान्हा मोहे रंग डारी। छुपी हुई...
कान्हा आयो रेरे आयो कान्हा आयो रे। आये झूम झूम पग घूम घूम संग लाल लायो...
अरे आत्मा रे तुझे किसका डर है। तू हस्ती से अपनी खुद बेखबर है।। जिसम हो...
आज बिरज में होरी रे रसिया होरी रेहोरी रे बरजोरी रे रसिया। कौन गाँव के कुंवर...
बैठी नार तू क्यों मन मार निकस तू बाहर होरी में। फागुन में ओ सुन मतवारी...
तू ही सागर तू ही किनारा ढूँढता है तू किसका सहारा। कभी तन में कभी मन...