मन लागा हरि नाम और नहिं भावई । सुखसागर में बास बहुरि न आवई । १...

मन रे बनिया बानि न छोड़े । जाके घर में कुबुद्धि बियानी पल पल में चित...

मन रे जागत रहिये भाई । ग़ाफ़िल होय वस्तु मत खोवे चोर मुसे घर आई ।...

मन रे नेकी कर ले दो दिन का मेहमान । टेक कहाँ से आया कहाँ जायेगा...

मन रे तन कागद का पुतला । लागे बूंद बिनसि जाय छिन में गर्व करे क्या...

मन राम सुमिर पछतायेगा । पापी जियरा पाप करत है आज काल छुट जायेगा । टेक...

मन मौला जाने गुजर गये गुजरान । टेक कोइ दिन रूखा फीका राँधा कोइ दिन दूध...

मन ना रंगाये जोगी कपड़ा रंगाये मन ना फिराये जोगी मन का फिराये । टेक आसन...

मन तोहे तनिको शरम न आती । टेक माता मरी पिता तोर मरिगे मरिगे सुत और...

मन तू मान शब्द उपदेसा । सार शब्द अौ गुरुमुख बानी ताको गहो संदेसा । टेक...

मन तू थकत थकत थकि जाई । बिन थाके तेरो काज न सरिहै फिर पाछे पछिताई...

मन तू क्यों भूला रे भाई तेरी सुधबुध कहाँ हेराई । टेक जैसे पंछी रैन बसेरा...