जीभ का फूहरा पंथ का चूहरा तेज तमा धरे आप खोवै। १ काम और क्रोध दुइ...

जीव अज्ञान सब अंध चेतै नहीं बहै विष धार में खाय गोता। १ खोट करनी करै...

जीवन मुक्त सोई मुक्ता हो। तब लगि जीवन मुक्ता नाहीं तब लगि सुख दुख भुक्ता हो।...

जे को मरे मरन है मीठा गुर प्रसादि जिनहीं मरि दीठा। टेक मूवा करता मुई ज...

जोगवे निस बासर जोग जती। टेक जैसे सोना जोगवत सोनरा जाने देत न एक रती ।...

जोगिया खेलो बचाय के नारी नयन चलै बान । टेक श्रृंगी को भृंगी करि डारी नारद...

जोगी जन जागत रहिये भाई । जागत रहिये चौकस रहिये चोर मूस न पाई । टेक...

जोगिया से मेरा दिल लागा । टेक जब से प्रीति लगी जोगिया से भयो हंस मन...

जो जो देखूँ सो सो रोगी रोग रहित मेरे सतगुरु जोगी । टेक हम निरोग मन...

जो तू भक्ति करन को चाहत हो निन्दा से नहिं डरिहो जी। १ पाँच छड़ी कोई...

टुक जिंदगी बंदगी कर लेना क्या माया मद मस्ताना । टेक मन दस नाज टका चार...

ठगनी क्या नैना चमकावै । टेक कद्दू काट मृदंग बनाया निब्बू काट मजीरा । पाँच तोरई...