मेरा मनु साध जनाँ मिल हरिआ।
हउ बलि बलि बलि बलि साध जनाँ कउ मिलि संगति पारि उतरिआ ।। 1 ।। रहाउ ।।
हरि हरि कृपा करहु प्रभ अपनी हम साध जनाँ पग परिआ ।।
धनु धनु साध जिन हरि प्रभु जानिआ मिलि साधू पतित उधरिआ ।।
मनूआ चलै चलै बहु बहु बिधि मिलि साधू वसगति करिआ ।।
जिउं जल तंतु पसारिओ बधकि ग्रसि मीना वसगति खरिआ ।। 2 ।।
हरि के संत संत भल नीके मिलि संत जना मलु लहीआ ।।
हउमै दुरतु गइआ सभु नीकरि जिउ साबुनि कापरु करिआ ।। 3 ।।
मसतकि लिलाटि लिखिआ धुरि ठाकुरि गुर सतिगुर चरन उर धरिआ ।।
सभु दालदु दूख भंज प्रभु पाइआ जान नानक नामि उधरिआ ।। 4 ।।